Saturday, August 16, 2008

... और ग्रहण लग गया

आज एक बार फिर से ग्रहण है... लेकिन इस बार सूर्य ग्रहण नहीं... चन्द्र ग्रहण है... मौका रक्षाबन्धन का है... इसलिये लोगों के मन में इसको लेकर संदेह और संशय उठना लाज़िमी ही है... पिछली बार सूर्य ग्रहण पड़ा था... और इसके बाद आई थी 08.08.08 की वो तारीख़... जिसे लेकर दुनिया भर के टीवी चैनल्स ने प्राइम स्लॉट्स को क़ुर्बान कर दिया था... चाहे इसकी वजह कोई भी क्यों ना रही हो... ख़ैर 08.08.08 की ये तिकड़ी और सूर्य ग्रहण किसी के लिये कैसा भी रहा हो... लेकिन कुछ लोगों के लिये तो ये बड़ा ही मुफ़ीद रहा है... अब ये मुफ़ीद किसके लिये रहा है ये बात भी उठना लाज़िमी ही है... चलिये बताए ही देता हूं... ये मुफ़ीद रहा है टीवी चैनलों के लिये और तमाम ज्योतिषियों के लिये भी... अब क्योंकि मैं भी ऐसे ही एक टीवी चैनल से जुड़ा हूं... इसलिये ऐसा लिख पा रहा हूं... ग्रहण चाहे सूर्य का हो या फिर चन्द्रमा का... लोगों को ना जाने ये क्यों लगने लगता है कि ग्रहण के कारण दुनिया भर की सारी मुश्किलें... सारी तकलीफें उन्हीं की झोली में चली आएंगी... ग्रहण का पता लगते ही... एक दिन पहले से ही टीवी पर प्रोग्राम्स चलने शुरू हो जाते हैं... कि आखिर क्या प्रभाव पड़ेगा इस ग्रहण का आपकी ज़िन्दगी पर... क्या प्रभाव पड़ेगा देश पर... इसकी पॉलिटिक्स पर... एक बेहतरीन-सा बैकड्रॉप (न्यूज़ रीडर के पीछे दिखने वाला एनीमेटेड थीम) बनवाया... एक ज्योतिषी बैठाया और सज गयी दुकान आपके भविष्य का आईना आप को ही दिखाने की... हालांकि इससे उन लोगों को कोई मतलब नहीं होता है... जो ये प्रोग्राम बना रहे हैं... उन्हें तो मतलब होता है सिर्फ टीआरपी से... और इस बात से कि वो लोगों को कितना अपनी तरफ खींच पाते हैं... जिसे तय करती है टीआरपी.... कुछ लोग दिखाते हैं माया संस्कृति का वो कैलेंडर... जो इस बात की तस्दीक़ करता है कि दुनिया २०१२ तक ख़त्म हो जाएगी... और कुछ अंदेशा जताते हैं कि दुनिया भर में हो रहे लड़ाई झगड़े का कारण हैं एलियन्स... और अपनी थ्योरी को साबित करने के लिये वो देते हैं पहले और दूसरे विश्व युद्ध के हवाले भी.. लेकिन ये कहते हुए... कि हमारी ये ख़बर फलानी रिपोर्ट पर आधारित है... ये तो रही पहले दर्जे के उन लोगों की बात जिनको ग्रहण फायदा पहुंचाते दिखते हैं..... ग्रहण से फायदा उठाने वाले लोगो की जमात में दूसरा नम्बर आता है उन ज्योतिषियों का... जो टीवी चैनल्स में आपका भाग्य बताते दिखते हैं.... उनके पास होती है डर की वो गोली... जिसे आप अपनी राशियों के मुताबिक बिना सोचे समझे ही निगल जाते हैं... ग्रहों नक्षत्रों के इस जाल में सबसे ज्यादा फंसे वो लोग दिखते हैं... जिनका ठिकाना होता है एसी कमरों में... लेकिन सड़क पर ठेला खींचने वाला कोई ग़रीब... इस बात से बिल्कुल बेख़बर होता है कि "फलाना" ग्रहण उसकी ज़िन्दगी पर क्या असर करेगा... उसे तो फिक्र होती है इस बात की.... कि अगर इनके चक्कर में पड़ा और ठेला लेकर काम पर नहीं निकला... तो ज़रूर उसके पेट को तगड़ा फर्क पड़ेगा....

5 comments:

Asha Joglekar said...

Sahi likha hai unko to TRP badhane se matalab hota hai.

संगीता पुरी said...

लेकिन सड़क पर ठेला खींचने वाला कोई ग़रीब... इस बात से बिल्कुल बेख़बर होता है कि "फलाना" ग्रहण उसकी ज़िन्दगी पर क्या असर करेगा... उसे तो फिक्र होती है इस बात की.... कि अगर इनके चक्कर में पड़ा और ठेला लेकर काम पर नहीं निकला... तो ज़रूर उसके पेट को तगड़ा फर्क पड़ेगा....

COMATOSE said...

U r right but at the end of day its the buisness wat matters to them , to u , to me, to every dam person of this world.....anyways good work done ,,,keep writing ..cheers

ALAUDDIN AYUB said...

Kya ,Bhai Blogging kab se shuru kar di....accha likha hai....likhte raho...

satyandra yadav said...

satyendra ji.... aap ne sahi likha hai.... ek bar bhopal me vice president makhanlal patrakarita v.v. men aaye the... mujhe topic mila tha " bande mataram ki upadeyata" bolne ke dauran maine yhi swal khada kiya ki ek riksa chalak ko bande mataram se kya lena dena jabki wah ek roti ki jugad me dinbhar bhatakte rhata hai.... mai chahta hoon ki roti ke pahale bande mataram aaye tabhi bande mataram ki upadeyata hogi... nhi kuchh nhi hai....